गुजरात में इस साल मानसून ने जो रफ्तार पकड़ी है, उसने पिछले दस वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ThePatelNews को मिले मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ 20 दिनों में राज्य में 30% मौसमी बारिश हो चुकी है। यह तेजी अपने आप में एक दशकीय रिकॉर्ड है।
खेती को संजीवनी, लेकिन शहरों में आफत
तेज बारिश ने जहां किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, वहीं शहरी क्षेत्रों में जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आई हैं। ThePatelNews के रिपोर्टरों ने अहमदाबाद, सूरत, वलसाड और नवसारी जैसे इलाकों में भारी वर्षा के चलते बाढ़ जैसी स्थिति देखी है।
ThePatelNews के आंकड़े:
पैरामीटर | विवरण |
औसतन वर्षा (अब तक) | 193 मिमी |
दर्ज की गई वर्षा | 257 मिमी (30% सीजनल) |
वर्षा की अवधि | 1 जून से 20 जून 2025 |
सबसे अधिक प्रभावित | दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र |
मृतकों की संख्या | 30+ (बारिश संबंधी घटनाएं) |
IMD की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगली कुछ दिनों में और भारी वर्षा की संभावना जताई है। विशेषकर निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
सरकार की सक्रियता
राज्य सरकार ने NDRF और SDRF टीमों को अलर्ट पर रखा है। कई ज़िलों में राहत शिविर बनाए गए हैं और जल निकासी के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। ThePatelNews को मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने हालात की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक भी की है।

निष्कर्ष: ThePatelNews की राय
तेज़ मानसून की यह शुरुआत खेती और जल संरक्षण के लिए तो लाभदायक है, लेकिन इसका प्रशासनिक और सामाजिक प्रबंधन बेहद जरूरी है। अगर वक्त रहते कदम न उठाए गए, तो यह राहत जल्द ही आपदा में बदल सकती है।